Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Murli- 15-08-2012

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - बाप की याद कायम तब रहेगी जब बुद्धि में ज्ञान होगा, ज्ञानयुक्त बुद्धि से रूहानी यात्रा करनी और करानी है'' 

प्रश्न: ईश्वर दाता है फिर भी ईश्वर अर्थ दान करने की रसम क्यों चली आती है? 
उत्तर: क्योंकि ईश्वर को अपना वारिस बनाते हैं। समझते हैं इसका एवज़ा वह दूसरे जन्म में देगा। ईश्वर अर्थ देना माना उसे अपना 
बच्चा बना लेना। भक्ति मार्ग में भी बच्चा बनाते हो अर्थात् सब कुछ बलिहार करते हो इसलिए एक बार बलिहार जाने के रिटर्न में 
वह 21 जन्म बलिहार जाता है। तुम कौड़ी ले आते हो, बाप से हीरा ले लेते हो। इसी पर ही सुदामा का मिसाल है। 

गीत:- रात के राही... 

धारणा के लिए मुख्य सार: 

1) बाप से आशीर्वाद मांगने के बजाए याद की यात्रा में तत्पर रहना है। रूहानी यात्रा में कभी भी थकना नहीं है। 

2) शिवबाबा को अपना वारिस बनाए उस पर पूरा-पूरा बलिहार जाना है। माँ बाप को फालो करना है। 
21 जन्मों की राजाई का सुख लेना है। 

वरदान: किसी भी परिस्थिति में फुलस्टॉप लगाकर दुआओं का अधिकार प्राप्त करने वाले महान आत्मा भव 

महान आत्मा वो है जिसमें स्वयं को बदलने की शक्ति है और जो किसी भी परिस्थिति में फुलस्टॉप लगाने में स्वयं को पहले 
आफर करते हैं - ''मुझे करना है, मुझे बदलना है'', ऐसी आफर करने वालों को तीन प्रकार की दुआयें मिलती हैं - 1-स्वयं को 
स्वयं की दुआयें अर्थात् खुशी मिलती है। 2-बाप द्वारा और 3- ब्राह्मण परिवार द्वारा। इसलिए अलबेलापन नहीं लाओ कि ये तो 
होता ही है, चलता ही है..। फुलस्टॉप लगाकर अलबेलेपन को परिवर्तन कर अलर्ट बन जाओ। 

स्लोगन: संकल्पों की एकाग्रता द्वारा ही श्रेष्ठ परिवर्तन में फास्ट गति आ सकती है

Essence: Sweet children, only when you have knowledge in your intellects will remembrance of the Father 
remain permanently. Stay on the spiritual pilgrimage and enable others to stay on it with intellects 
filled with knowledge. 

Question: God is the Bestower, so why is there the system of donating in the name of God on the 
path of devotion? 
Answer: Because they make God their Heir. They believe that God will give them the return of 
that in their next birth. To give in the name of God means to make Him your Child. On the path of 
devotion too, you make Him your Child, that is, you surrender everything of yours to Him. Therefore, 
in return for your surrendering yourself to Him this once, He surrenders Himself to you for 21 births. 
You bring shells to the Father and receive diamonds from Him in return. The example of Sudama is based on this. 

Song: O traveller of the night, do not become weary! The destination of dawn is not far off. 

Essence for dharna: 

1. Instead of asking the Father for blessings, remain engaged on the pilgrimage of remembrance. 
Never become tired on the spiritual pilgrimage. 

2. Make Shiv Baba your Heir and surrender yourself to Him completely. Follow the mother and father. 
Claim the happiness of the kingdom for 21 births. 

Blessing: May you be a great soul who puts a full stop to any adverse situation and claims a right 
to receive blessings. 

A great soul is one who has the power to change the self and who first offers the self in putting a full 
stop in any situation: I have to do this, I have to change. Those who make such an offer receive three 
types of blessings. 1) Blessings from the self in the form of happiness 2) Blessings from the Father. 
3) Blessings from the Brahmin family. Therefore, do not bring about carelessness thinking that this 
happens all the time, that it will do. Put a full stop and, by transforming carelessness, become alert. 

Slogan: Only with the concentration of your thoughts can you have a fast speed for elevated transformation. 



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