Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Murli of August 28, 2012

28-8-2012:

Essence: Sweet children, you have to make a vow to remain pure. There is no need to go on hunger strike or go without water. Remain pure and you will become the masters of the world.
Question: At this time, who are the best of all in this world and in what way?
Answer: At this time, the poor are the best of all in this world because the Father comes and meets the poor. The wealthy do not listen to this knowledge. The Father is the Lord of the Poor. He makes the poor ones wealthy.
Song: What has happened to human beings of today?
Essence for dharna:
1. In order to imbibe knowledge, keep your heart very clean. Engage yourself in the Father's service with a true heart. Don't ever tire of doing service.
2. Make this promise: Mine is Shiv Baba alone and none other. Renounce the body and false bodily relations and have all relationships with One. Donate the wealth of knowledge to the poor.


Blessing: May you pass with honours and experience closeness by flying with love.


All the children are moving forward with the power of love. The flight of love brings you close to the Father in body, mind and heart. In knowledge, yoga and dharna it is numberwise, according to each one's capacity, but each one is number one in the subject of love. All of you have passed in the subject of love. Love means to remain close (pass) and pass and to pass easily through all circumstances. Only those who remain that close are able to pass with honours.


Slogan: To remain safe from the storms of Maya and matter is to be seated on the heart-throne.

 

28-8-2012:


मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हें पवित्र रहने का व्रत लेना है, बाकी निर्जल रखने, भूख-हड़ताल आदि करने की जरूरत नहीं, पवित्र बनो तो विश्व का मालिक बन जायेंगे''


प्रश्न: इस समय दुनिया में सबसे अच्छे कौन हैं और कैसे?


उत्तर: इस दुनिया में इस समय सबसे अच्छे गरीब हैं क्योंकि गरीबों को ही बाप आकर मिलते हैं। साहूकार तो इस ज्ञान को सुनेंगे ही नहीं। बाप है ही गरीब निवाज़। गरीबों को ही साहूकार बनाते हैं।


गीत:- आज के इंसान को....


धारणा के लिए मुख्य सार:
1)
नॉलेज को धारण करने के लिए दिल बड़ी साफ रखनी है। सच्ची दिल से बाप की सेवा में लगना है। सेवा में कभी भी थकना नहीं है।
2)
वायदा करना है मेरा तो एक शिवबाबा, दूसरा कोई। देह सहित देह के सब झूठे सम्बन्ध छोड़ एक से सर्व सम्बन्ध जोड़ने हैं। गरीबों को ज्ञान धन का दान देना है।


वरदान: स्नेह की उड़ान द्वारा समीपता का अनुभव करने वाले पास विद आनर भव


स्नेह की शक्ति से सभी बच्चे आगे बढ़ते जा रहे हैं। स्नेह की उड़ान तन से, मन से वा दिल से बाप के समीप लाती है। ज्ञान, योग, धारणा में यथाशक्ति नम्बरवार हैं लेकिन स्नेह में हर एक नम्बरवन हैं। स्नेह में सभी पास हैं। स्नेह का अर्थ ही है पास रहना और पास होना वा हर परिस्थिति को सहज ही पास कर लेना। ऐसे पास रहने वाले ही पास विद आनर बनते हैं।


स्लोगन: माया और प्रकृति के तूफानों में सेफ रहना है तो दिलतख्तनशीन बन जाओ।
Song : Aaj ke insaan ko आज के इंन्सान को... What has happened to human beings of today?





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