Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Essence of Murli (H&E): July 13, 2014:


Essence of Murli (H&E): July 13, 2014:

Revised from 14/11/78

 

“The Call of Time”

Blessing: May you be a soul who has all rights and who transforms the stage of being influenced with the power of concentration.

 

Brahmins, that is, souls with all rights can never be influenced by anyone, not even influenced by their own weak nature or sanskars because nature (swa-bhav - nature of the self), is to have the feeling of soul consciousness for the self and others. Therefore, they cannot be influenced by a weak nature. By having the awareness of their original and eternal sanskars, their weak sanskars are easily transformed. The power of concentration enables them to transform the stage of being influenced and sets them on the seat of the stage of a master.

Slogan: Prepare subjects and heirs by having a balance of an embodiment of knowledge and an embodiment of virtues.

 

रिवाइज:14-11-78

 

वक्त की पुकार

 

वरदान:- एकाग्रता की शक्ति से परवश स्थिति को परिवर्तन करने वाले अधिकारी आत्मा भव !

 

ब्राह्मण  अर्थात् अधिकारी आत्मा कभी किसी के परवश नहीं हो सकती अपने कमजोर स्वभाव संस्कार के वश भी नहीं क्यों कि स्वभाव अर्थात् स्व प्रति और सर्व के प्रति आत्मिक भाव है तो कमजोर स्वभाव के वश नही हो सकते और अनादि आदि संस्कारो की स्मृति से कमजोर सस्कार भी सहज परिवर्तन हो जाते हैं एकाग्रता की शक्ति परवश स्थिति को परिवर्तन कर मालिकपन की स्थिति की सीट पर सेट कर देती है

 

स्लोगन:-  ज्ञान मूर्त और गुणमूर्त दोनों के बैलेन्स से प्रजा और वारिस तैयार करो   

 

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