Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Amritology Point For December 17, 2014 (H&E)


For December 17, 2014

A Loving Child in Conversation with the Innocent Guardian of Destiny


First Awareness
The moment I open my eyes, I realize: I am a soul. I descended from the Sweet Home of Light in order to give radiant light to the world.





Who am I?
I am a loving child with pure, deep love for Baba. I have a right to Baba’s property. Now I need only claim that right from Baba at this time. I need not engage in hard labor.





To whom do I Belong?
Soul converses with Baba:
Good morning sweet Baba. Whatever I am, as I am – I am Yours. I have this one simple thought and no other.

Baba converses with the Soul:
Sweet child, wake up! Sit down with Me. I, the Innocent Guardian of Destiny, am ready to draw the path of your destiny. Allow Me, the Guardian of Destiny to draw for you the most elevated lines of fortune. Now, God shows His innocent form –full of love. With your love, take from Me the most elevated fortune. However many births you choose, whatever you choose – whether to be in the 8 jewels, or in the rosary of 108 – God gives you an open offer. Do not settle for less. Don’t ask for peanuts at this time – “I want a worldly relationship,” “I want more money etc”. These boons are peanuts compared to the palace I have prepared for you.





Receiving Inspirations
I take a moment to quiet my chattering mind by focusing on Baba, the Ocean of Silence. In this silence, I receive from Baba pure, inspiring thoughts for service.





Receiving a Blessing from Baba
I manifest my angelic form before sweet Baba in the subtle regions. With much love and powerful drishti, pure vision, He gives me this blessing:
You are content with the self, and the Father and the family are content with you. Wherever you go, your natural and easy yoga brightens the atmosphere so others can see their goodness, glimpse the Heart of God, and step onto the trail of transformation.





Unlimited Subtle Service (last 15 minutes)
I bestow on the world the blessing described above. I take this blessing from Baba and gift it to the whole world through my pure thoughts. With my angelic costume, I circle the earth globe and give this blessing to all souls.





Before Going to Bed
I steady myself in the stage beyond sound. I mentally check: was I disobedient in anyway during the day? If so, I admit it to Baba. Did I succumb, mentally or physically, to any attractions, attachments, or selfish preferences? I chart my actions, and remove the impact of faulty actions with 30 minutes of yoga. I go to sleep with a clean and clear heart.

 headphone meditation

Soundtrack with Amrit Vela points

For December 17th

For a complete 60 minute soundtrack of guided commentary with Amrit Vela points in English, click HERE.



भाग्यविधाता भोले बाप के साथ स्नेही बच्चे की रूहरूहान

पहली स्मृति
मैं आत्मा हूँ | मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिए स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ |

मैं कौन हूँ ?
मैं बाबा से रूहानी प्यार रखने वाला स्नेही बच्चा हूँ
| बाबा के वर्से पर मेरा सम्पूर्ण अधिकार है | इस समय पर मैं बिना मेहनत के बाबा से सर्व अधिकार ले सकती हूँ |

मैं किसकी हूँ ?
आत्मा की बाबा से रूहरिहान
मीठे बाबा ! गुड मारनिंग ! मेरा तो बस यही एक संकल्प है कि मैं जो हूँ
, जैसी हूँ , आपकी हूँ |

बाबा की आत्मा से रूहरिहान
मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो ! मैं
, भाग्यविधाता भोला बाबा , तुम्हारे श्रेष्ठ भाग्य की रेखा खींचने के लिए आया हूँ | इस समय पर भगवान अपने भोले व अति स्नेही स्वरुप में हैं | स्नेह की शक्ति द्वारा तुम अपना सर्वश्रेष्ठ भाग्य ले सकते हो | तुम चाहो तो 8 या 108 की माला में आ सकते हो | भगवान का तुम्हारे लिए खुला निमन्तरण है | सिर्फ थोड़े में ही खुश ना हो जाओ | यह समय मुटठी भर चने कमाने का नहीं है | तुम्हें तो भविष्य में महल मिलने वाले हैं |

बाबा से प्रेरणाएं
अपने मन को सर्व बातों से हटाकर बाबा में लगाएं ! बाबा है साइलेंस का सागर
| इस साइलेंस में, मैं बाबा से प्रेरणायुक्त व पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ |

बाबा से वरदान
सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फ़रिश्ता स्वरुप स्पष्ट दिखाई दे रहा है
| बहुत प्यार व् शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं
तुम सदा स्वयं से संतुष्ट रहते हो | बाप और परिवार भी तुमसे संतुष्ट है | तुम जहाँ भी जीते हो , तुम्हारा सहज योगी वायुमंडल को चमका देता है जिससे आत्माओं को स्वयं की विशेषताएं दिखाई पड़ती हैं व उन्हें परमात्मा के स्नेह भरे दिल का दर्शन हो जाता है | यह अनुभव उन्हें स्व-परिवर्तन का मार्ग दिखाता है |

बेहद की सूक्ष्म सेवा (आखिरी के पन्द्रह मिनट प्रातः 4.45 से 5 बजे तक )
बाबा द्वारा प्राप्त हुए इस वरदान को मैं पुरे संसार को वरदाता बन कर अपने शुभ संकल्पों द्वारा दे रही हूँ
| अपनी फ़रिश्ता ड्रेस पहनकर मैं विश्व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ |

रात्रि सोने के पहले
आवाज़ की दुनिया से पार जाकर अपनी स्टेज को स्थिर बनायें
| चेक करें आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की ? अगर हाँ, तो बाबा को बताएं | किसी के मोह व आकर्षण में बुद्धि तो नहीं फंसी ? अपने कर्मों का चार्ट बनाएं| तीस मिनट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें | अपने दिल को साफ व हल्का कर सोयें |

 

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