Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Amritology Point For December 18, 2014 (H&E)

For December 18th, 2014

A friend in Conversation with God the Friend

Dec18

First Awareness

The moment I open my eyes, I realize: I am a soul. I descended from the Sweet Home of Light in order to give radiant light to the world.

Who am I?

I am Baba’s friend. I have an open, honest relationship with Baba. I don’t hide anything from Him.

To Whom do I Belong?

Soul converses with Baba:
Good morning sweet Baba. I recognize the value of this early morning for easy attainment of Your friendship. I take full benefit from this time. You are God and You are my Friend. You are a Bestower of Fortune and Blessings and You are my Friend. You give me blessings and fortune without reserve and without my asking.
Baba converses with the Soul:
Sweet child, wake up! Sit down with Me. At this time, BapDada freely speaks to you to your heart’s content. I freely listen to your requests, erase your weaknesses, and forgive your sins. I see both your love and your mischief. I am free and available to you. Our meeting at amrit vela is not an official meeting. I am here as your Friend, the ONE who bestows purity, peace, and prosperity.

Receiving Inspirations

I take a moment to quiet my chattering mind by focusing on Baba, the Ocean of Silence. In this silence, I receive from Baba pure, inspiring thoughts for service.

Receiving a Blessing from Baba

I manifest my angelic form before sweet Baba in the subtle regions. With much love and powerful drishti, pure vision, He gives me this blessing:

You receive the fresh fruit of your actions not just in the golden age but here and now in the Confluence Age. Because you serve with humility and a pure heart that belongs to One, you eat the fresh fruit of happiness, supersensous joy and lightness every day of your exquisite life.

Unlimited Subtle Service (last 15 minutes)

I bestow on the world the blessing described above. I take this blessing from Baba and gift it to the whole world through my pure thoughts. With my angelic costume, I circle the earth globe and give this blessing to all souls.

Before Going to Bed

I steady myself in the stage beyond sound. I mentally check: was I disobedient in anyway during the day? If so, I admit it to Baba. Did I succumb, mentally or physically, to any attractions, attachments, or selfish preferences? I chart my actions, and remove the impact of faulty actions with 30 minutes of yoga. I go to sleep with a clean and clear heart.
***
headphone meditation

Soundtrack with Amrit Vela points

For December 18th

For a complete 60 minute soundtrack of guided commentary with Amrit Vela points in English, click HERE.





खुदा दोस्त के साथ आत्मा की रूहरूहान
पहली स्मृति
मैं आत्मा हूँ | मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिए स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ |
मैं कौन हूँ ?
मैं बाबा की दोस्त हूँ |मेरा बाबा के साथ सच्चा व समीप का सम्बन्ध है | मैं बाबा से कुछ भी छिपाती हूँ |
मैं किसकी हूँ ?
आत्मा की बाबा से रूहरिहान
मीठे बाबा ! गुड मारनिंग ! मैं अमृतवेले के महत्व को जानकर आपके साथीपन का पूरा फायदा ले रही हूँ | आप खुदा ! मेरे दोस्त हैं ! आप भाग्य विधाता व वरदाता मेरे परममित्र हैं | आप बिना मांगे मेरे झोली वरदानों से भर देते हैं |
बाबा की आत्मा से रूहरिहान
मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो ! इस समय बापदादा तुम्हारे दिल की बात सुनकर तुम्हें संतुष्ट कर देते हैं | मैं तुम्हारे हर अनुरोध को सुनकर सारी कमी कमज़ोरियाँ को मिटा देता हूँ व तुम्हारे पापों को क्षमा कर देता हूँ | मैं तुम्हारे प्यार व चंचलता दोनों को देखता रहता हूँ | मैं तुम्हारे लिए इस समय खाली बैठा हूँ मैं तुम्हारा सच्चा मित्र हूँ | मैं तुम्हें शान्ति , पवित्रता व सम्पन्नता से भरपूर करने आया हूँ |
बाबा से प्रेरणाएं
अपने मन को सर्व बातों से हटाकर बाबा में लगाएं ! बाबा है साइलेंस का सागर | इस साइलेंस में , मैं बाबा से प्रेरणायुक्त व पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ |
बाबा से वरदान
सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फ़रिश्ता स्वरुप स्पष्ट दिखाई दे रहा है | बहुत प्यार व् शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं
तुम्हें अपने कर्मों का प्रत्यक्ष फल ने केवल भविष्य में मिलना है बल्कि अभी इस संगमयुग से ही मिलने लगता है | तुम निर्मानता व सच्चे दिल से सेवा करते हो , इसलिए तुम ख़ुशी , अतिइन्द्रिय सुख व हल्केपन का प्रत्यक्ष फल हर दिन खाकर अपने जीवन को आनंदमय बनाते हो |
बेहद की सूक्ष्म सेवा (आखिरी के पन्द्रह मिनट प्रातः 4.45 से 5 बजे तक )
बाबा द्वारा प्राप्त हुए इस वरदान को मैं पुरे संसार को वरदाता बन कर अपने शुभ संकल्पों द्वारा दे रही हूँ | अपनी फ़रिश्ता ड्रेस पहनकर मैं विश्व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ |
रात्रि सोने के पहले
आवाज़ की दुनिया से पार जाकर अपनी स्टेज को स्थिर बनायें | चेक करें आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की ? अगर हाँ, तो बाबा को बताएं | किसी के मोह व आकर्षण में बुद्धि तो नहीं फंसी ? अपने कर्मों का चार्ट बनाएं| तीस मिनट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें | अपने दिल को साफ व हल्का कर सोयें |

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