Om Shanti
Om Shanti
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो            सोच के बोलो, समझ के बोलो, सत्य बोलो            स्वमान में रहो, सम्मान दो             निमित्त बनो, निर्मान बनो, निर्मल बोलो             निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बनो      शुभ सोचो, शुभ बोलो, शुभ करो, शुभ संकल्प रखो          न दुःख दो , न दुःख लो          शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आपका लाख लाख पद्मगुना शुक्रिया !!! 

Amritology Point For December 31, 2014 (H&E)

For December 31, 2014

A Prosperous Soul in Conversation with the Jeweler

First Awareness

The moment I open my eyes, I realize: I am a soul. I descended from the Sweet Home of Light in order to give radiant light to the world.

Who am I?

I am a prosperous soul. In my treasure chests are jewels of knowledge, virtues, and powers.

To Whom do I Belong?

Soul converses with Baba:
Good morning sweet Baba. I strike a bargain with you the Jeweler– the Ocean of Knowledge. You give me plateful of jewels of knowledge, virtues, and powers. I play with these jewels and am sustained by these jewels.
Baba converses with the Soul:
Sweet child, wake up! Sit down with Me. The more you apply these jewels in your activity, the more they increase. The most prosperous souls are the ones who remain busy with these jewels. Don’t waste your valuable time. Don’t see, listen to, think, or speak of anything else.

Receiving Inspirations

I take a moment to quiet my chattering mind by focusing on Baba, the Ocean of Silence. In this silence, I receive from Baba pure, inspiring thoughts for service.

Receiving a Blessing from Baba

I manifest my angelic form before sweet Baba in the subtle regions. With much love and powerful drishti, He gives me this blessing:
Your consciousness has become pristine and clean. It glistens with the light of truth and Baba’s love. The beauty of your purity is painting the portrait of a future beyond your wildest dreams.

Unlimited Subtle Service (last 15 minutes)

I bestow on the world the blessing described above. I take this blessing from Baba and gift it to the whole world through my pure thoughts. With my angelic costume, I circle the earth globe and give this blessing to all souls.

Before Going to Bed

I steady myself in the stage beyond sound. I mentally check: was I disobedient in anyway during the day? If so, I admit it to Baba. Did I succumb, mentally or physically, to any attractions, attachments, or selfish preferences? I chart my actions, and remove the impact of faulty actions with 30 minutes of yoga. I go to sleep with a clean and clear heart.

Webinar Series

Amritology; Experiences of a Yogi

For soundtrack of Amritology's 2nd webinar with Didi Sudesh of December 27th, click HERE.

Next Webinar: Sunday, January 4th

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headphone meditation

English Soundtrack with Amrit Vela points - 60min

For December 30th

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Hindi Soundtrack with Amrit Vela points - 60min

अमृत वेला के पॉइंट साज़ और आवाज़ से जुड़े ६० मिनट

(चौथा सप्ताह – 30-12-2014)

Spanish Soundtrack with Amrit Vela points - 60min

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एक संपन्न आत्मा की एक जौहरी से रूहरिहान

पहली स्मृति

आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होमसे अवतरित हुई हूँ।

मैं कौन हूँ ?

मैं एक संपन्न

आत्मा हूँ। मेरा खजाना ज्ञान, गुणों और शक्तियों के बहुमूल्य रत्‍नों से भरपूर है।

मैं किसकी हूँ ?

आत्मा की बाबा से रूहरिहान:

मीठे बाबा- गुडमॉर्निंग।बाबा! मै ने आप ज्ञानसागर जौहरी के साथ सौदा पक्का किया है।बाबा! आप मुझे थालियाँ भर-भरकर ज्ञान, गुण और शक्तियों के रत्न दे रहे हैं।इन रत्नों के साथ खेलते हुए मेरी पालना हो                                 रही है।

बाबा की आत्मा से रूहरिहान:

मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो। जितना-जितना तुम इन रत्‍नों को अपने कार्य-व्यवहार में इस्तेमाल करते जा रहे हो, उतने ही यह रत्न वृद्धि को पाते जा रहें हैं। जो आत्मायें इनरत्‍नों के साथ सदा व्यस्त रहती हैं वो ही सबसे ज्यादा संपन्न हैं। बच्चों! अपना बहुमूल्य समय व्यर्थ नहीं गवाँओं। किसी भी व्यर्थ बात को ना देखो, ना सुनो, ना सोचो, ना बोलो।

बाबासेप्रेरणाऐ:

अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।

बाबा से वरदान:

सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहें हैं

तुम्हारी चेतना पवित्र और शुद्ध होती जा रही है। सत्यता के प्रकाश और बाबा के स्‍नेह से इसकी चमक बहुत बढ़ती जा रही है। तुम्हारी पवित्रता की सुंदरता से तुम्हारे भविष्य का एक ऐसा चित्र बन रहा है जो तुम्हारी कल्पना से भी परे है।

बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट - प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)

बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्‍व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्‍व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।

रात्रि सोने के पहले

आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भरमें किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नही फंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।

 
 
 

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